पाकिस्तान को ललकार
“बर्बरता की हदें पार करने वाले ओ पाकिस्तान ,
कायरता में अव्वल रहने वाले ओ पाकिस्तान !
हर बार तू मुँह की खाता ,
फिर भी बाज नहीं तू आता !
नस नस में तेरे धोखेबाजी और रगों में पानी है ,
हिंदुस्तान से टक्कर लेना ही तेरी नादानी है !
दोस्ती की तुझसे बात करे ,
तुझमे वो बात नहीं !
आतंक से ऊपर तू उठ पाए ,
इतना तुझमे दिमाग नहीं !
भूल गया तू कारगिल को ,
कैसे धूल चटाये थे ?
एक एक करके तेरे चूहे,
हमने सारे मार गिराए थे !
तिनके सी औकाद है तेरी ,
आंधी से क्या टकराएगा ?
हुआ युद्ध अगर इस बार तो ,
तू पूरा गायब हो जायेगा !
सैनिक के सिर को काट के तूने ,
अपना सन्देश सुनाया है !
एक के बदले दस सिर लेंगे,
हमने ये मन में ठाना है !
अब तो तेरी बीमारी का जड़ से खात्मा होगा
भारत की सरहद से तेरा अस्तित्व मिटाना होगा !”
(पूजा सिंह )