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5 Dec 2021 · 1 min read

पाँच विविध दोहे

पाँच विविध दोहे
————————————————
(1)
सबके स्वस्थ विचार हों, सबकी सुन्दर देह
सब मन की भाषा पढ़ें, सबमें हो शुभ नेह
(2)
मन के गुण बतला रही, दूत-लिखावट चाल
टाइप कब समझा सका, मन का कैसा हाल
(3)
समय कभी अनुकूल है,समय कभी प्रतिकूल
काँटें हैं जिस पेड़ पर, लगे उसी पर फूल
(4)
दो दिन का था यह सफर,दो दिन का यह वेश
दो दिन के मेहमान हम, फिर हम अपने देश
(5)
चौबिस घंटे हर समय, मोबाइल में जान
क्या होगा इस दौर में, आँखों का भगवान
————————————————-
रचयिता : रवि प्रकाश, बाजार सर्राफा
रामपुर (उ.प्र.) मो.9997615451

Language: Hindi
180 Views
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