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8 May 2024 · 1 min read

पहाड़ गुस्से में हैं

पहाड़ गुस्से में हैं
कौन चाहता है
कोई उनकी सीमा लाँघे?
फिर भी लाँघते हैं
लोग असीम बनने की खातिर
सीमाओं को
इसी तरह लाँघा है
पहाड़ों को
बुद्धजीवियों ने
अब दरक रहे हैं, धँसक रहे हैं
पहाड़ यूँ गुस्सा जाहिर कर रहे हैं

पहाड़ होते हैं महादेव
जो लिप्त रहते हैं साधना में
चिरकाल तक पालथी मारे
बुद्ध बनकर शांति
तलाशते हैं
पर लोग उनके
एकांतिक निर्जन वक्ष पर
आकर चला देते हैं मशीनें
घर्र करती यांत्रिकता
भंग करती है समाधि
फिर लचक रहे हैं, दहक रहे हैं
पहाड़ यूँ गुस्सा जाहिर कर रहे हैं

#सोनू_हंस

Language: Hindi
99 Views

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