शहर में नकाबधारी
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
“पूत कपूत तो क्या धन संचय, पूत सपूत तो क्या धन संचय” अर्थात
हर एक मन्जर पे नजर रखते है..
लव जिहाद_स्वीकार तुम्हारा ना परिणय होगा...
जेब में
Dr. Chandresh Kumar Chhatlani (डॉ. चंद्रेश कुमार छतलानी)
देह अधूरी रूह बिन, औ सरिता बिन नीर ।
"तेरी यादों के छापे पड रहे हैं ll
जिन्दगी हर क़दम पर दो रास्ते देती है
रिश्तो को कायम रखना चाहते हो
जो भी सोचता हूँ मैं तेरे बारे में
लालच
Vishnu Prasad 'panchotiya'