पहले नैन मिलाके नैन -चार उसने किया। रात की नींद गई बेक़रार उसने किया।।
पहले नैन मिलाके नैन-चार उसने किया।।
रात की नींद गई बेक़रार उसने किया।।
दिल न तोड़ेगे कभी यक़ीन तो मानो मेरी।
ऐसी जूठी कसमें,वादे हज़ार उसने किया।।
दिल-ए-नादां तो कुछ समझ न सका।
किस तरह दिल पे वार उसने किया।।
मेरी आँखों में तनिक भी बीनाई न रही।
कुछ इस तरह आबशार उसने किया।।
अब तलक मैं उलझा हूँ इन्हीं सवालों में।
किस तरह फूलों को ख़ार उसने किया।।
अब नफ़रत के भी काबिल नहीं बचा”वासिफ”
कभी हद से ज़्यादा था प्यार उसने किया।।