पहली भूख है रोटी की, दुनिया में हर इंसान की
पहली भूख है रोटी की, दुनिया में हर इंसान की
रोटी मिल जाने पर दूजी भूख है, मान सम्मान की
तीजी भूख आती है जग में, कपड़ा और मकान की
धन वैभव पद पैसा, चाहत है हर इंसान की
पेट भरे पर काम आप्त, इच्छा होती है काम की
अनंत होती हैं इच्छाएं, काम अर्थ और नाम की
रहता है अतृप्त सदा, सुख शांति नहीं है नाम की
मरता खप्ता है जीवन भर, खबर नहीं अंजाम की
सुरेश कुमार चतुर्वेदी