पहरा
कभी सूरज सुनहरा था यहाँ,
पर चांद तो कबसे ठहरा है यहाँ ।
एक जाए तो दूसरा आता है,
बस इन दोनों का ही पहरा है यहाँ ।।
@ नील पदम्
कभी सूरज सुनहरा था यहाँ,
पर चांद तो कबसे ठहरा है यहाँ ।
एक जाए तो दूसरा आता है,
बस इन दोनों का ही पहरा है यहाँ ।।
@ नील पदम्