Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
17 Jul 2019 · 1 min read

पहचान

मैं आज फिर लड़ लिया उससे
आप से मैं लड़ नही सकता
पता नही कब कौन सा मसला
खड़ा हो जाये
और बात कहाँ से कहाँ पहुंच जाए

दरअसल, मेरे और आपके बीच
पहचान की बड़ी समस्या है
आपकी और मेरी पहचान
अलग अलग सी बनती
जा रही है
सबकी एक एक होती
तो भी बात बन जाती
पर यहां हर एक की
दस बीस पहचानें हैं
काश, यहां भी सिर्फ चार की
ही इजाजत देता खुदा

सो मैं चला गया उसके पास
और झुँझला कर बोला
भाई, मेरी पहचान बता

देश या धर्म
जाति या प्रान्त
शहर या गांव
भाषा या तबका
आरक्षित- अनारक्षित
इस गली का-उस गली का
या फिर कोई सियासी झंडा?

मैं क्योँ बंट गया हूँ
इन छोटी छोटी पहचानों के बीच
और इंसान तो क्या
आधा अधूरा आदमी भी
अब नही लगता
बताओ प्रभु ये माजरा क्या है?

वो खामोश रहा
मैं जानता था वो
ऐसा ही करेगा
आजकल वो ऐसा ही
करता है
बहुत कुरेदता हूँ तो
कह देता है
तुम जानो
मुझसे क्यों पूछते हो अब
और वो उठ कर चल देता है

दोस्तों, जंगलों से तो निकल आये थे हम
पर ये जंगल अब अपने ही भीतर उग आए हैं
मुख्तलिफ पहचानों की शक्ल में
और हम फिर गुलाटियां खा रहे है
इन दरख्तों पर

कभी गौर तो किया ही होगा?

Language: Hindi
1 Like · 1 Comment · 405 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Umesh Kumar Sharma
View all
You may also like:
हाथ में कलम और मन में ख्याल
हाथ में कलम और मन में ख्याल
Sonu sugandh
प्रकृति को जो समझे अपना
प्रकृति को जो समझे अपना
Buddha Prakash
सुबह देखता हूं शाम देखता हूं
सुबह देखता हूं शाम देखता हूं
Rituraj shivem verma
खंडहर
खंडहर
Tarkeshwari 'sudhi'
हमारे हौसले तब परास्त नहीं होते जब हम औरों की चुनौतियों से ह
हमारे हौसले तब परास्त नहीं होते जब हम औरों की चुनौतियों से ह
Sunil Maheshwari
संसार की इस भूलभुलैया में, जीवन एक यात्रा है,
संसार की इस भूलभुलैया में, जीवन एक यात्रा है,
पूर्वार्थ
*सवा लाख से एक लड़ाऊं ता गोविंद सिंह नाम कहांउ*
*सवा लाख से एक लड़ाऊं ता गोविंद सिंह नाम कहांउ*
Harminder Kaur
मुझे ना पसंद है*
मुझे ना पसंद है*
Madhu Shah
हैं जो कुछ स्मृतियां वो आपके दिल संग का
हैं जो कुछ स्मृतियां वो आपके दिल संग का
दीपक झा रुद्रा
ग़ज़ल _ मुझे भी दे दो , गुलाब जामुन ,
ग़ज़ल _ मुझे भी दे दो , गुलाब जामुन ,
Neelofar Khan
दो
दो
*प्रणय*
"रिवायत"
Dr. Kishan tandon kranti
यादों में
यादों में
Shweta Soni
मेरा गुरूर है पिता
मेरा गुरूर है पिता
VINOD CHAUHAN
अरे वो बाप तुम्हें,
अरे वो बाप तुम्हें,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
*इश्क़ इबादत*
*इश्क़ इबादत*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
वैसे किसी भगवान का दिया हुआ सब कुछ है
वैसे किसी भगवान का दिया हुआ सब कुछ है
शेखर सिंह
- अब नहीं!!
- अब नहीं!!
Seema gupta,Alwar
मुक्तक
मुक्तक
जगदीश शर्मा सहज
रामराज्य
रामराज्य
Suraj Mehra
2869.*पूर्णिका*
2869.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
रक्षा बंधन का पावन त्योहार जब आता है,
रक्षा बंधन का पावन त्योहार जब आता है,
Ajit Kumar "Karn"
वो इंतजार ही क्या जो खत्म हो जाए……
वो इंतजार ही क्या जो खत्म हो जाए……
shabina. Naaz
चाल चलें अब मित्र से,
चाल चलें अब मित्र से,
sushil sarna
जब तक हो तन में प्राण
जब तक हो तन में प्राण
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
शीर्षक - संगीत
शीर्षक - संगीत
Neeraj Agarwal
कौन सुने फरियाद
कौन सुने फरियाद
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
बहकते हैं
बहकते हैं
हिमांशु Kulshrestha
*वाह-वाह क्या बात ! (कुंडलिया)*
*वाह-वाह क्या बात ! (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
ज़िन्दगी अपनी
ज़िन्दगी अपनी
Dr fauzia Naseem shad
Loading...