Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
24 Jun 2018 · 1 min read

पहचान, समझ और जागरण.

पहचान,समझ और जागरण
*******************
पकड़ लिया
जकड़ लिया
उन्हीं संवेदनाओं ने,
जिन्हें हम धर्म और स्वराज के लिये फैली हैं ,
समझते रहे .।

#जागृति के लिये तह तक जाना है,
करके देखना है,
जो अनुभव में आये उसी #विवेक से .
दूध को पीना है,
पानी को छोड़ देना है .।

फिर इंसान आजाद है,
नहीं तो गुलाम का गुलाम,
प्रेम मैत्री सौहार्द तेरी ज्योति,
अन्थया अंधेरे ही अंधेरे,
सहयोग इंसाफ के हाथ,
तू जाग …बस जाग !!!

#डॉ_महेन्द्र

Language: Hindi
2 Likes · 1 Comment · 237 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Mahender Singh
View all

You may also like these posts

क्यों दोष देते हो
क्यों दोष देते हो
Suryakant Dwivedi
" तोहफा "
Dr. Kishan tandon kranti
789WIN là một trong những thương hiệu nhà cái uy tín nhất ở
789WIN là một trong những thương hiệu nhà cái uy tín nhất ở
789win
वक्त अपनी करवटें बदल रहा है,
वक्त अपनी करवटें बदल रहा है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
सर्वश्रेष्ठ कर्म
सर्वश्रेष्ठ कर्म
Dr. Upasana Pandey
* सहारा चाहिए *
* सहारा चाहिए *
surenderpal vaidya
*तू बन जाए गर हमसफऱ*
*तू बन जाए गर हमसफऱ*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
सरोकार
सरोकार
Khajan Singh Nain
*लाल सरहद* ( 13 of 25 )
*लाल सरहद* ( 13 of 25 )
Kshma Urmila
कुछ खास दिलों को
कुछ खास दिलों को
shabina. Naaz
कैसे समझाऊं उसे
कैसे समझाऊं उसे
Aasukavi-K.P.S. Chouhan"guru"Aarju"Sabras Kavi
रहे मुदित यह सोच कर,बुद्धिहीन इंसान
रहे मुदित यह सोच कर,बुद्धिहीन इंसान
RAMESH SHARMA
मुस्कुराते हुए चेहरे से ,
मुस्कुराते हुए चेहरे से ,
Yogendra Chaturwedi
Dr Arun Kumar shastri
Dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
दीपोत्सव
दीपोत्सव
Santosh kumar Miri
हार भी स्वीकार हो
हार भी स्वीकार हो
Dr fauzia Naseem shad
चली आना
चली आना
Shekhar Chandra Mitra
गुस्ल ज़ुबान का करके जब तेरा एहतराम करते हैं।
गुस्ल ज़ुबान का करके जब तेरा एहतराम करते हैं।
Phool gufran
जब हम छोटे से बच्चे थे।
जब हम छोटे से बच्चे थे।
लक्ष्मी सिंह
किसी से लड़ के छोडूँगा न ही अब डर के छोड़ूँगा
किसी से लड़ के छोडूँगा न ही अब डर के छोड़ूँगा
अंसार एटवी
भारत देश हमारा है
भारत देश हमारा है
Arvind trivedi
शीर्षक-तुम मेरे सावन
शीर्षक-तुम मेरे सावन
Sushma Singh
हम भी है परमेश्वर के संतान ।
हम भी है परमेश्वर के संतान ।
Buddha Prakash
*भाग्य विधाता देश के, शिक्षक तुम्हें प्रणाम (कुंडलिया)*
*भाग्य विधाता देश के, शिक्षक तुम्हें प्रणाम (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
sp118 माता-पिता ने
sp118 माता-पिता ने
Manoj Shrivastava
सफ़र
सफ़र
Kush Dogra
मुराद अपनी कोई अगर नहीं हो पूरी
मुराद अपनी कोई अगर नहीं हो पूरी
gurudeenverma198
"😢सियासी मंडी में😢
*प्रणय*
निष्काम कर्म कैसे करें। - रविकेश झा
निष्काम कर्म कैसे करें। - रविकेश झा
Ravikesh Jha
बचपन,
बचपन, "बूढ़ा " हो गया था,
Nitesh Kumar Srivastava
Loading...