Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
28 Jan 2024 · 1 min read

पश्चिम का सूरज

पश्चिम का सूरज,
लेकर आता है,
रजनी का रज।
संकेत में,
सर्दी की ठिठुरन ,
गर्मी की नरम शाम।

नभ की श्याम आभा,
पंछी घर वापसी ।
दिन-भर थके को,
आराम राज़ी।

घर – घर की हलचल,
बढ़े जोर से स्वर।
जूते – चप्पलों को,
मिलन का दे अवसर।

घर की ओर ,
घर्-घर्,
घरघर्राते वाहन।
ठुमकते,
सड़क पर ,
मोटर गाड़ीवान।

सरकती सडकों पर ,
साईकिल की चैन ढ़ीली,
मोटर बाइक,
गियर में उलझी।

बेकार-कार,
बेबस वो बस ,
ट्रक मालभारी ,
आतुर कबाड़ी।

ठेले घसीटते,
पैदल सवारी।
रिक्शा – पधारी ,
कहीं पंचर गाड़ी।

भीड का जोर,
टी-टी का शोर ,
पौं – पों बाजा,
बजे चहुं ओर।

कोई पिच्च गुटका,
विमल मल सरीखा,
वहीं थूक जाता,
शरम भूल जाता।

कहीं-अंधेरी,
गली , सिद्दतों से,
झिप -झिप,
टिम- टिम,
लाईट – रौशन ।

सभी रंग जीवन के,
जाना, लौट आना।

संकेत पश्चिम ,
गति मंद होना।
पुन: भोर होना,
छंटना अंधेरा ,
पूरब तक पहुंचना।
सब सन्देश देता
पश्चिम का सूरज||

1 Like · 122 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
"गंगा माँ बड़ी पावनी"
Ekta chitrangini
* चली रे चली *
* चली रे चली *
DR ARUN KUMAR SHASTRI
आत्मघाती हमला
आत्मघाती हमला
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
सोने की चिड़िया
सोने की चिड़िया
Bodhisatva kastooriya
#एक_और_बरसी...!
#एक_और_बरसी...!
*प्रणय*
4812.*पूर्णिका*
4812.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
याद अमानत बन गयी, लफ्ज़  हुए  लाचार ।
याद अमानत बन गयी, लफ्ज़ हुए लाचार ।
sushil sarna
अगर मन वचन और कर्मों में मर्यादा न हो तो
अगर मन वचन और कर्मों में मर्यादा न हो तो
Sonam Puneet Dubey
~ग़ज़ल ~
~ग़ज़ल ~
Vijay kumar Pandey
दीपावली पर बेबहर गज़ल
दीपावली पर बेबहर गज़ल
मधुसूदन गौतम
बाहर से लगा रखे ,दिलो पर हमने ताले है।
बाहर से लगा रखे ,दिलो पर हमने ताले है।
Surinder blackpen
जब मैं इस धरा पर न रहूं मेरे वृक्ष
जब मैं इस धरा पर न रहूं मेरे वृक्ष
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
मंद बुद्धि
मंद बुद्धि
Shashi Mahajan
कहां जाऊं सत्य की खोज में।
कहां जाऊं सत्य की खोज में।
Taj Mohammad
*चुनावी कुंडलिया*
*चुनावी कुंडलिया*
Ravi Prakash
चंद ख्वाब मेरी आँखों के, चंद तसव्वुर तेरे हों।
चंद ख्वाब मेरी आँखों के, चंद तसव्वुर तेरे हों।
Shiva Awasthi
वो तड़पते रहे मयार में मेरे ऐसे ।
वो तड़पते रहे मयार में मेरे ऐसे ।
Phool gufran
" सम्मान "
Dr. Kishan tandon kranti
पैगाम
पैगाम
Shashi kala vyas
खोकर अपनों को यह जाना।
खोकर अपनों को यह जाना।
लक्ष्मी सिंह
शीर्षक:कोई चिट्ठी लिख देते
शीर्षक:कोई चिट्ठी लिख देते
Harminder Kaur
परतंत्रता की नारी
परतंत्रता की नारी
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
वर्षभर की प्रतीक्षा उपरान्त, दीपावली जब आती है,
वर्षभर की प्रतीक्षा उपरान्त, दीपावली जब आती है,
Manisha Manjari
आज की हकीकत
आज की हकीकत
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
अगर आप सफल
अगर आप सफल
पूर्वार्थ
हम पर एहसान
हम पर एहसान
Dr fauzia Naseem shad
धुएं के जद में समाया सारा शहर पूछता है,
धुएं के जद में समाया सारा शहर पूछता है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
मेरी एक सहेली है
मेरी एक सहेली है
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
if you have not anyperson time
if you have not anyperson time
Rj Anand Prajapati
बुंदेली चौकड़िया-पानी
बुंदेली चौकड़िया-पानी
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
Loading...