Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
2 Sep 2020 · 1 min read

पवित्र रिश्ते

कुछ रिश्ते की कागजों पे जुबानी नहीं होती,
हर एक रिश्ते के जन्म की कहानी नहीं होती,
रास्ते में मिलें थे ना जाने वे कहां,
कब हो गए अपने पता हि ना चला,
समस्याओं का उन्होंने समाधान किया,
हमें डट के जीने का ज्ञान दिया,
जल – मीन सा प्रेम था उनका हमारा,
हमारे हर एक फैसले में सहमति थी उनकी,
बिन बुलाए आ जाते थे हर त्यौहारों पे
ना जाने क्यां क्यां ताने लोग मारते थे हमें,
अनसुना करके के दुनिया कि जुबानी को,
साथ दिया उन्होंने मेरा हर सुख-दुख की गलियों में,
राखि भैया दूज का वचन उन्होंने निभाई है,
अपने जीवन से ज्यादा महत्त्व दिया हमको
मैं “प्यारी गुड़िया “उनकी, वह शैतान भैया मेरे,
पर इस दुनिया वालों ने ,
ना जाने कितने गालियां दि हमारे “पवित्र रिश्ते” को

Language: Hindi
1 Like · 2 Comments · 618 Views

You may also like these posts

- जो इश्क करता है फिर वो कुछ नही करता -
- जो इश्क करता है फिर वो कुछ नही करता -
bharat gehlot
अगर किसी के पास रहना है
अगर किसी के पास रहना है
शेखर सिंह
जीव सदा संसार में,
जीव सदा संसार में,
sushil sarna
चौपाई छंद गीत
चौपाई छंद गीत
seema sharma
ये ज़िंदगी.....
ये ज़िंदगी.....
Mamta Rajput
कदम भले थक जाएं,
कदम भले थक जाएं,
Sunil Maheshwari
अच्छी किताबे
अच्छी किताबे
पूर्वार्थ
"जीवन का सच्चा सुख"
Ajit Kumar "Karn"
जो उसने दर्द झेला जानता है।
जो उसने दर्द झेला जानता है।
सत्य कुमार प्रेमी
चवन्नी , अठन्नी के पीछे भागते भागते
चवन्नी , अठन्नी के पीछे भागते भागते
Manju sagar
प्रेम कहानी
प्रेम कहानी
Vibha Jain
ख़ुदकुशी का एक तरीका बड़ा जाना पहचाना है,
ख़ुदकुशी का एक तरीका बड़ा जाना पहचाना है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
उजला चमकता चेहरा
उजला चमकता चेहरा
Chitra Bisht
भूख सोने नहीं देती
भूख सोने नहीं देती
Shweta Soni
"पुराने दिन"
Lohit Tamta
सुविचार
सुविचार
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
अंतहीन प्रश्न
अंतहीन प्रश्न
Shyam Sundar Subramanian
*ना जाने कब अब उनसे कुर्बत होगी*
*ना जाने कब अब उनसे कुर्बत होगी*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
अहंकार अभिमान रसातल की, हैं पहली सीढ़ी l
अहंकार अभिमान रसातल की, हैं पहली सीढ़ी l
Shyamsingh Lodhi Rajput "Tejpuriya"
4707.*पूर्णिका*
4707.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
मौन  की भाषा सिखा दो।
मौन की भाषा सिखा दो।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
सच्ची दोस्ती
सच्ची दोस्ती
Rambali Mishra
जीवन है ये छोटा सा
जीवन है ये छोटा सा
प्रदीप कुमार गुप्ता
*तपती धूप सता रही, माँ बच्चे के साथ (कुंडलिया)*
*तपती धूप सता रही, माँ बच्चे के साथ (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
रंगोली
रंगोली
Neelam Sharma
घर बाहर जूझती महिलाएं(A poem for all working women)
घर बाहर जूझती महिलाएं(A poem for all working women)
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
चिराग को जला रोशनी में, हँसते हैं लोग यहाँ पर।
चिराग को जला रोशनी में, हँसते हैं लोग यहाँ पर।
आर.एस. 'प्रीतम'
शब्दों का संसार
शब्दों का संसार
Surinder blackpen
संवेदनाएं
संवेदनाएं
Buddha Prakash
“पेपर लीक”
“पेपर लीक”
Neeraj kumar Soni
Loading...