पवित्र रिश्ते
कुछ रिश्ते की कागजों पे जुबानी नहीं होती,
हर एक रिश्ते के जन्म की कहानी नहीं होती,
रास्ते में मिलें थे ना जाने वे कहां,
कब हो गए अपने पता हि ना चला,
समस्याओं का उन्होंने समाधान किया,
हमें डट के जीने का ज्ञान दिया,
जल – मीन सा प्रेम था उनका हमारा,
हमारे हर एक फैसले में सहमति थी उनकी,
बिन बुलाए आ जाते थे हर त्यौहारों पे
ना जाने क्यां क्यां ताने लोग मारते थे हमें,
अनसुना करके के दुनिया कि जुबानी को,
साथ दिया उन्होंने मेरा हर सुख-दुख की गलियों में,
राखि भैया दूज का वचन उन्होंने निभाई है,
अपने जीवन से ज्यादा महत्त्व दिया हमको
मैं “प्यारी गुड़िया “उनकी, वह शैतान भैया मेरे,
पर इस दुनिया वालों ने ,
ना जाने कितने गालियां दि हमारे “पवित्र रिश्ते” को