चीजें खुद से नहीं होती, उन्हें करना पड़ता है,
कुछ ऐसे भी लोग कमाए हैं मैंने ,
फूल यूहीं खिला नहीं करते कलियों में बीज को दफ़्न होना पड़ता
मैं हू बेटा तेरा तूही माँ है मेरी
कोई चाहे तो पता पाए, मेरे दिल का भी
निर्भय दिल को चैन आ जाने दो।
krishna waghmare , कवि,लेखक,पेंटर
उम्मीद खुद से करेंगे तो ये
मन पायेगा कब विश्रांति।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
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बहुत कुछ जान के जाना है तुमको, बहुत कुछ समझ के पहचाना है तुम
मजबूरन पैसे के खातिर तन यौवन बिकते देखा।
रामपुर के गौरवशाली व्यक्तित्व
आज़ कल के बनावटी रिश्तों को आज़ाद रहने दो
कर्म -पथ से ना डिगे वह आर्य है।
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक