पलायन क्यों
पलायन न करो ,
अपनी जन्म भूमि से।
डटकर रहो खड़े ।
तुम्हारे हक को छीनने को ,
ही तो जेहादी अड़े।
तुम कर दोगे पलायन तो ,
इनको जीत मिलेगी ।
तुम क्यों जितने देते हो इनको ,
डटे रहो ! बेशक राहों में ,
संकट आए बड़े बड़े।
हिम्मत से सामना करो ,
एकता से काम लो ,
तुम्हारे जीवन की परीक्षा की घड़ी है यह,
ना रहो इनके समक्ष हाथ जोड़े ।
जितना हक कश्मीर पर मुस्लिम का है,
उतना ही हक कश्मीरी पंडितो का भी है ।
बल्कि भारत का महत्वपूर्ण अंग है,
सब भारतीयों का इस पर हक है ।
याद रखो ! तुम्हारी एकता राष्ट्र की शक्ति है ,
और इस शक्ति के समक्ष सदा ,
दुश्मन को हथियार ही डालने पड़े ।