“पलते ढेरों अहसास”
“पलते ढेरों अहसास”
अकेलेपन की बसर ना होती
कभी भी मेरे पास,
मैं तो एक कवि हूँ भाई
मेरे इस दिल में
पलते हैं ढेरों अहसास।
“पलते ढेरों अहसास”
अकेलेपन की बसर ना होती
कभी भी मेरे पास,
मैं तो एक कवि हूँ भाई
मेरे इस दिल में
पलते हैं ढेरों अहसास।