Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
26 May 2024 · 2 min read

पर्वत और गिलहरी…

एक दिवस कुछ बहस छिड़ी,
पर्वत और गिलहरी में।
पर्वत विशाल था बोला,
ए तुच्छ ! किस हेकड़ी में ?

बोली गिलहरी सच कहा,
निस्संदेह तुम्हीं बड़े हो।
स्थिर होकर एक जगह,
क्यूँ अकड़े तने खड़े हो ?

राह मनोरम प्यारी-सी,
माना तुम्हीं बनाते हो।
हँसो और पर इस काबिल,
न इससे तुम हो जाते हो।

नहीं तुम्हारी-सी मैं तो,
तुम्हीं कहाँ मेरे से हो ?
मैं फुर्तीली चुस्त बड़ी,
तुम स्थिर बुत जैसे हो।

नहीं ग्लानि मुझको कोई,
अगर नहीं मैं तुम जैसी।
नहीं तनिक भी तो तुममें,
त्वरित सोच मेरे जैसी।

सिर्फ एक के होने से,
जगत न बनता-मिटता है।
टर्र-टर्र से मेंढक की,
मौसम नहीं बदलता है।

एक अकेला चना कहो,
फोड़ कभी क्या भाड़ सके?
खड़ा मूढ़मति एक जगह,
आया जोखिम ताड़ सके ?

सबको सबसे अलग करें,
कौशल सबके जुदा-जुदा।
परख हुनर हर प्राणी के,
देता सबमें बाँट खुदा।

खुश मैं लघुता में अपनी
होड़ न तुम से करती हूँ।
स्वच्छंद विचरती हर सूं,
जरा न तुम से डरती हूँ।

तुच्छ बदन पर मैं अपने,
वन यदि लाद नहीं सकती।
नट ये तोड़ दिखा दो तुम,
अधिक विवाद नहीं करती।

काम बनाए सुईं जहाँ,
तलवार पड़ी रह जाए।
समझ सको ये मर्म अगर,
किस्सा यहीं सुलझ जाए।

नियत सभी की सीमाएँ,
नियत सभी के काम यहाँ।
रचयिता अपनी सृष्टि का,
देख रहा सब बैठ वहाँ।

और अधिक क्या जिरह करूँ
मेरा-तुम्हारा जोड़ कहाँ ?
सच कहते हो भाई तुम,
मेरी तुमसे होड़ कहाँ ?

अपनी-अपनी कह दोनों,
करने अपना काम चले।
हम भी थककर चूर हुए,
करने अब आराम चले।

(आंग्ल कवि Ralph Waldo Emerson की कविता ‘The mountain and the squirrel’ का हिन्दी में भावानुवाद)

© सीमा अग्रवाल
मुरादाबाद ( उ.प्र. )

3 Likes · 46 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from डॉ.सीमा अग्रवाल
View all
You may also like:
तन्हाईयां सुकून देंगी तुम मिज़ाज बिंदास रखना,
तन्हाईयां सुकून देंगी तुम मिज़ाज बिंदास रखना,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
जब तू मिलती है
जब तू मिलती है
gurudeenverma198
कहां  गए  वे   खद्दर  धारी  आंसू   सदा   बहाने  वाले।
कहां गए वे खद्दर धारी आंसू सदा बहाने वाले।
कुंवर तुफान सिंह निकुम्भ
हम अपनी ज़ात में
हम अपनी ज़ात में
Dr fauzia Naseem shad
मसीहा उतर आया है मीनारों पर
मसीहा उतर आया है मीनारों पर
Maroof aalam
सुख की तलाश आंख- मिचौली का खेल है जब तुम उसे खोजते हो ,तो वह
सुख की तलाश आंख- मिचौली का खेल है जब तुम उसे खोजते हो ,तो वह
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
दिल सचमुच आनंदी मीर बना।
दिल सचमुच आनंदी मीर बना।
Pt. Brajesh Kumar Nayak
यह कैसा है धर्म युद्ध है केशव
यह कैसा है धर्म युद्ध है केशव
VINOD CHAUHAN
नादान प्रेम
नादान प्रेम
अनिल "आदर्श"
हश्र का वह मंज़र
हश्र का वह मंज़र
Shekhar Chandra Mitra
किसी भी देश या राज्य के मुख्या को सदैव जनहितकारी और जनकल्याण
किसी भी देश या राज्य के मुख्या को सदैव जनहितकारी और जनकल्याण
डॉ.एल. सी. जैदिया 'जैदि'
" ब्रह्माण्ड की चेतना "
Dr Meenu Poonia
सोच
सोच
Shyam Sundar Subramanian
कहानी हर दिल की
कहानी हर दिल की
Surinder blackpen
"तोहफा"
Dr. Kishan tandon kranti
My Guardian Angel
My Guardian Angel
Manisha Manjari
अभिव्यक्ति - मानवीय सम्बन्ध, सांस्कृतिक विविधता, और सामाजिक परिवर्तन का स्रोत
अभिव्यक्ति - मानवीय सम्बन्ध, सांस्कृतिक विविधता, और सामाजिक परिवर्तन का स्रोत" - भाग- 01 Desert Fellow Rakesh Yadav
Desert fellow Rakesh
*मैं, तुम और हम*
*मैं, तुम और हम*
sudhir kumar
Don't get hung up
Don't get hung up
पूर्वार्थ
अपने-अपने चक्कर में,
अपने-अपने चक्कर में,
Dr. Man Mohan Krishna
वर्ल्ड रिकॉर्ड
वर्ल्ड रिकॉर्ड
Dr. Pradeep Kumar Sharma
लिख लेते हैं थोड़ा-थोड़ा
लिख लेते हैं थोड़ा-थोड़ा
Suryakant Dwivedi
ରାତ୍ରିର ବିଳାପ
ରାତ୍ରିର ବିଳାପ
Bidyadhar Mantry
बेटी उड़ान पर बाप ढलान पर👰👸🙋👭🕊️🕊️
बेटी उड़ान पर बाप ढलान पर👰👸🙋👭🕊️🕊️
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
*धन्य तुलसीदास हैं (मुक्तक)*
*धन्य तुलसीदास हैं (मुक्तक)*
Ravi Prakash
चांदनी की झील में प्यार का इज़हार हूँ ।
चांदनी की झील में प्यार का इज़हार हूँ ।
sushil sarna
* शुभ परिवर्तन *
* शुभ परिवर्तन *
surenderpal vaidya
आँखों की गहराइयों में बसी वो ज्योत,
आँखों की गहराइयों में बसी वो ज्योत,
Sahil Ahmad
2621.पूर्णिका
2621.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
— ये नेता हाथ क्यूं जोड़ते हैं ??–
— ये नेता हाथ क्यूं जोड़ते हैं ??–
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
Loading...