पर्यावरण
प्रदूषित हो रहा दुनिया का पर्यावरण ।
अब नहीं सुरक्षित धरती का आवरण ।
अतः क्यों ना जाएं हम प्रकृति की शरण ।
तभी रुकेगा सजीव-निर्जीव का क्षरण ।
मानव अपना लो अब उत्तम आचरण ।
प्राणियों को करने दो स्वतंत्र विचरण ।
लगाओ पेड़ वनों को न काटो ।
यह शुभ संदेश सभी को बाँटो ।
तेल के वाहन कम ही चलाओ ।
वड़वानल से जंगलों को बचाओ ।
करो सीमित जनसंख्या न बढ़ाओ ।
उद्जन बढ़ाओ ओम् जीवन बचाओ ।
ओमप्रकाश भारती ओम्