पर्यावरण
?पर्यावरण
■ डा0जय नारायण गिरि
“इन्दु ”
जीव जगत रक्षार्थ जरूरी
सत्ये पर्यावरण जरूरी
धरतीकें रक्षार्थ जरूरी
हरित बाध आ बोन जरूरी
सत्ये पर्यावरण जरूरी।
आङनमे तुलसी केर चौरा
बाड़ीमे झिंगुनि ओ घेरा
सुन्दर घौर फुटल अछि केरा
गाछक डारि चुनमुन्नीक डेरा।
सजमनि लटकल अछि मचान
कुम्हर अछि तमघैल समान
अरनेवा कटहर ओ आम
धात्री नेबो आओर लताम ।
हरित भरित हो बाड़ी झाड़ी
पुष्पित सदिखन हो फुलवारी
जैविक खेती केर कमाल
कृषि क्रांतिमे मचल धमाल।
तुलसी गुरीच ओ घृतकुमारी
अवस्स लगावी अपन बाड़ी
पटुआ गेन्हरी ओ तिलकोर
कुन्दरी सीम करैल परोड़।
अपन गाय केर अनुपम दूध
कतऽ भेटत ई सुन्दर शुद्ध
माँछ रोहु भाकुर ओ नैन
हाइब्रिड पर चाही वैन।
मॉर्निंग वाक करू नित योग
कंछी अहांसँ काटत रोग
हुलसल फुलसल जँ हो मोन
वैद्य हकीमक काजे कोन?
कविराज डा0जय नारायण गिरि “इन्दु ”
????????????