परीक्षा फल
परीक्षा फल की घोषणा,
सुनकर परीक्षार्थी है सन्न,
उथल-पुथल और संसय ,
ऊपज ने लगा अन्तर्मन में,
परीक्षार्थी खोने लगे धैर्य,
सुमिरन करने लगे ईश्वर को,
मुझको मिले अच्छा फल,
ऐसी आशा सब करने लगे,
हे भगवान!लगा दो पार,
परीक्षा फल में दे दो साथ,
विश्वास नहीं होता है अब तो,
परीक्षार्थी को अपने कर्मो से,
नहीं तौला परीक्षा फल को,
अपने किये हुए अच्छे कर्म से,
यदि किये हो सच्ची मेहनत,
गर्व होगा खुद में अब,
सदैव पाओगे उत्तम परीक्षा फल,
जीवन हो या हो परीक्षा का पल,
प्रसन्नता से सफलता का करो स्वागत,
यही होना चाहिए आगाज।
रचनाकार –
बुद्ध प्रकाश,
मौदहा हमीरपुर ।