Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
15 Sep 2024 · 1 min read

“परिश्रम: सोपानतुल्यं भवति

“परिश्रम: सोपानतुल्यं भवति
तथा भाग्यं शयनिकातुल्यम्।
शयनिका काले स्थगितुं शक्यते परन्तु सोपानं सर्वदा उपर्युपरि एव नयति।”

मेहनत सीढ़ियों की तरह होती हैं
और भाग्य लिफ्ट की तरह !
किसी समय लिफ्ट तो बंद भी हो सकती हैं,
पर सीढ़ियाँ हमेशा
ऊंचाई की तरफ ले जाती हैं……।

69 Views
Books from Mukul Koushik
View all

You may also like these posts

3026.*पूर्णिका*
3026.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
*वो जो दिल के पास है*
*वो जो दिल के पास है*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
*शीर्षक - प्रेम ..एक सोच*
*शीर्षक - प्रेम ..एक सोच*
Neeraj Agarwal
#लापरवाही और सजगता का महत्व
#लापरवाही और सजगता का महत्व
Radheshyam Khatik
गले से लगा ले मुझे प्यार से
गले से लगा ले मुझे प्यार से
Basant Bhagawan Roy
"वृक्षारोपण ही एक सफल उपाय"
अमित मिश्र
अपने जीवन में समस्या को समझने के बजाय, हम उसकी कल्पना करके उ
अपने जीवन में समस्या को समझने के बजाय, हम उसकी कल्पना करके उ
Ravikesh Jha
मस्ती का माहौल है,
मस्ती का माहौल है,
sushil sarna
■ कथ्य के साथ कविता (इससे अच्छा क्या)
■ कथ्य के साथ कविता (इससे अच्छा क्या)
*प्रणय*
अर्थी पे मेरे तिरंगा कफ़न हो
अर्थी पे मेरे तिरंगा कफ़न हो
Er.Navaneet R Shandily
- ख्वाईश बस इतनी सी है -
- ख्वाईश बस इतनी सी है -
bharat gehlot
मनहरण घनाक्षरी
मनहरण घनाक्षरी
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
चन्द्रघन्टा माँ
चन्द्रघन्टा माँ
Shashi kala vyas
फ़ुरसत
फ़ुरसत
Shashi Mahajan
** चीड़ के प्रसून **
** चीड़ के प्रसून **
लक्ष्मण 'बिजनौरी'
प्रेम पत्र जब लिखा ,जो मन में था सब लिखा।
प्रेम पत्र जब लिखा ,जो मन में था सब लिखा।
Surinder blackpen
सत्यव्रती धर्मज्ञ त्रसित हैं, कुचली जाती उनकी छाती।
सत्यव्रती धर्मज्ञ त्रसित हैं, कुचली जाती उनकी छाती।
महेश चन्द्र त्रिपाठी
खिलो फूल से
खिलो फूल से
कार्तिक नितिन शर्मा
!..............!
!..............!
शेखर सिंह
खूबसूरती एक खूबसूरत एहसास
खूबसूरती एक खूबसूरत एहसास
Dr fauzia Naseem shad
"डूबना"
Dr. Kishan tandon kranti
झकझोरती दरिंदगी
झकझोरती दरिंदगी
Dr. Harvinder Singh Bakshi
लड़की का घर
लड़की का घर
पूर्वार्थ
वज़्न -- 2122 2122 212 अर्कान - फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन फ़ाइलुन बह्र का नाम - बह्रे रमल मुसद्दस महज़ूफ
वज़्न -- 2122 2122 212 अर्कान - फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन फ़ाइलुन बह्र का नाम - बह्रे रमल मुसद्दस महज़ूफ
Neelam Sharma
भलाई
भलाई
इंजी. संजय श्रीवास्तव
" कुछ काम करो "
DrLakshman Jha Parimal
लें दे कर इंतज़ार रह गया
लें दे कर इंतज़ार रह गया
Manoj Mahato
मै बुलंद हौंसलो वाला
मै बुलंद हौंसलो वाला
हिमांशु Kulshrestha
बुंदेली दोहे-फदाली
बुंदेली दोहे-फदाली
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
* फर्क दिलों-जिस्म में हो ना *
* फर्क दिलों-जिस्म में हो ना *
भूरचन्द जयपाल
Loading...