परिश्रमी समय
समय रुकता नहीं,,
सतत अनवरत चलता ही जाता है।
समय अपनी चाल से,,
मनुज को परिश्रम करना सिखलाता है।।
————————————–भविष्य त्रिपाठी
समय रुकता नहीं,,
सतत अनवरत चलता ही जाता है।
समय अपनी चाल से,,
मनुज को परिश्रम करना सिखलाता है।।
————————————–भविष्य त्रिपाठी