परिवार
दुख सुख का संगम है परिवार
हर स्थिति में हमें सहलाता है
उतार-चढ़ाव भरी जिंदगी में
हर कदम पर हमें बहलाता है
हर सदस्य अपनी न्यारी भूमिका
इस परिवार में निभाता है
बच्चा हो चाहे बूढा हो
सबको सब सुहाता है
लड़ते झगड़ते रहे दिन भर
फिर भी मिल जुल कर रहते हैं
कोई हमें आंख दिखाएं
यह हम बर्दाश्त नहीं करते हैं
पसंद ना पसंद एक दूजे की
हंस-हंसकर सब अपनाते हैं
घर की इज्जत का सब रखते ख्याल
तभी तो परिवार जन कहलाते हैं