परमात्मा
#परमात्मा
प्रेम भक्ति शांति का रखिये वास।
परोपकार त्याग से तृप्त होती आत्मा।।
हर घड़ी परमात्मा रहते आसपास।
सुखः दुखः को शीतल देखे आत्मा।।
दर्द भरे जीवन का प्रवास।
हर बिमारीयों का हो खात्मा।।
निरंतर रख लो भक्ति प्रवास।
हर पल कृपा करें परमात्मा।।
सम आते हैं सब बच्चों को रास।
कोई भेद ना रखते परमात्मा।।
धरती पर होगा ब्रम्हांड प्रवास।
भक्ति में तल्लीन रख लो आत्मा।।
शुद्ध आचरण धरो कास।
जरुर रुक जाये परमात्मा।।
प्राणी पीड़ित पर दया निवास।
वहां स्वयं प्रकटते परमात्मा।।
स्वरचित मौलिक – कृष्णा वाघमारे, जालना, महाराष्ट्र.