परदेश मुक्तक
मुक्तक
बह्र-1222 1222 1222 1222
कमाने मैं चला घर से छुटा घरद्वार है अपना।
छुटा है गांव अरु गालियाँ छुटा है प्यार भी अपना।
ये’ दौलत चीज है ऐसी जुदा करती है’ अपनो से,
छुटे भाई छुटी मैया छुटा परिवार है अपना।
अदम्य
मुक्तक
बह्र-1222 1222 1222 1222
कमाने मैं चला घर से छुटा घरद्वार है अपना।
छुटा है गांव अरु गालियाँ छुटा है प्यार भी अपना।
ये’ दौलत चीज है ऐसी जुदा करती है’ अपनो से,
छुटे भाई छुटी मैया छुटा परिवार है अपना।
अदम्य