Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
25 Oct 2024 · 1 min read

” परख “

” परख ”

हम रूठे रहे आजमाने को,
कोई आया नहीं मनाने को।

2 Likes · 2 Comments · 22 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr. Kishan tandon kranti
View all
You may also like:
कोई पढे या ना पढे मैं तो लिखता जाऊँगा  !
कोई पढे या ना पढे मैं तो लिखता जाऊँगा !
DrLakshman Jha Parimal
ABC8 đã trở thành cái tên quen thuộc trong giới cá cược trực
ABC8 đã trở thành cái tên quen thuộc trong giới cá cược trực
ABC8 Nhà cái
यदि मेरी चाहत पे हकीकत का, इतना ही असर होता
यदि मेरी चाहत पे हकीकत का, इतना ही असर होता
Keshav kishor Kumar
कब तक चाहोगे?
कब तक चाहोगे?
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
श्रमिक
श्रमिक
Neelam Sharma
भगवा तन का आवरण,
भगवा तन का आवरण,
sushil sarna
खुद से खुद को
खुद से खुद को
Dr fauzia Naseem shad
"द्रौपदी का चीरहरण"
Ekta chitrangini
रमेशराज के 12 प्रेमगीत
रमेशराज के 12 प्रेमगीत
कवि रमेशराज
खुद्दारी
खुद्दारी
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
गरीबी
गरीबी
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
मै बेरोजगारी पर सवार हु
मै बेरोजगारी पर सवार हु
भरत कुमार सोलंकी
" वोट "
Dr. Kishan tandon kranti
I dreamt of the night we danced beneath the moon’s tender li
I dreamt of the night we danced beneath the moon’s tender li
Manisha Manjari
वो आपको हमेशा अंधेरे में रखता है।
वो आपको हमेशा अंधेरे में रखता है।
Rj Anand Prajapati
अगर आपके पास निकृष्ट को अच्छा करने कि सामर्थ्य-सोच नही है,
अगर आपके पास निकृष्ट को अच्छा करने कि सामर्थ्य-सोच नही है,
manjula chauhan
उससे कोई नहीं गिला है मुझे
उससे कोई नहीं गिला है मुझे
Dr Archana Gupta
“बचपन में जब पढ़ा करते थे ,
“बचपन में जब पढ़ा करते थे ,
Neeraj kumar Soni
♥️ दिल की गलियाँ इतनी तंग हो चुकी है की इसमे कोई ख्वाइशों के
♥️ दिल की गलियाँ इतनी तंग हो चुकी है की इसमे कोई ख्वाइशों के
Ashwini sharma
अपनी हसरत अपने दिल में दबा कर रखो
अपनी हसरत अपने दिल में दबा कर रखो
पूर्वार्थ
🙅Dont Worry🙅
🙅Dont Worry🙅
*प्रणय*
मउगी चला देले कुछउ उठा के
मउगी चला देले कुछउ उठा के
आकाश महेशपुरी
तुम्हे देख कर ही ऐसा महसूस होता है
तुम्हे देख कर ही ऐसा महसूस होता है
Ranjeet kumar patre
*पत्रिका समीक्षा*
*पत्रिका समीक्षा*
Ravi Prakash
आओ मिलकर सुनाते हैं एक दूसरे को एक दूसरे की कहानी
आओ मिलकर सुनाते हैं एक दूसरे को एक दूसरे की कहानी
Sonam Puneet Dubey
3028.*पूर्णिका*
3028.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
अंत में पैसा केवल
अंत में पैसा केवल
Aarti sirsat
*सेब का बंटवारा*
*सेब का बंटवारा*
Dushyant Kumar
अगर हम कोई भी काम जागरूकता के साथ करेंगे तो हमें निराशा नहीं
अगर हम कोई भी काम जागरूकता के साथ करेंगे तो हमें निराशा नहीं
Ravikesh Jha
डॉ अरूण कुमार शास्त्री
डॉ अरूण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
Loading...