पथ प्रदर्शक पिता
पिता हमारा जीवन दाता ।
हमें इस संसार में लाता ।।
पिता बिना जीवन असंभव ।
करते वह सब कुछ संभव ।।
पिता विशाल बरगद की छांव ।
जिसकी छाया में हमरा ठाँव ।।
पिता संसार सागर का खिवैया ।
उन पर निर्भर जीवन की नैया ।।
पिता हमारे पथ प्रदर्शक ।
उनसे ही जीवन है सार्थक ।।
पिता बिना सूना संसार ।
वह हैं जीवन के आधार ।।
पिता से ही हमारी शान ।
क्यों ना बढ़ाएं उनका मान।।
पिता पिता गुंजारे व्योम ।
हर्षित ह्रदय अकिंचन ओम् ।।
ओमप्रकाश भारती ओम्
बालाघाट मध्यप्रदेश