पत्रकार की कलम देख डरे
झूठ-फरेब का गला घोंट ,सत्य को विजय दिलाता
अपनी कलम की ताकत से ,चौथा स्तम्भ कहलाता ||
भ्रष्टाचार और अनाचार का
जग में करता भंडाफोर
युद्ध सत्य का लड़ता
असत्य को देता चोट ,
सही गलत में फ़र्क करे
ढुढ़े खबर नित रोज ,
पत्रकार की कलम देख डरे
भ्रष्ट ,कलंकी , गुंडे चोर ||
राह कठिन से कठिन चले
निडर पत्रकार ले प्रेम की डोर ,
कही खुशी कही गम
कही मर्त जीवन होते
कही अनशन का शोर ,
बड़े बड़े दिग्गज नेताओं से
सवाल करे हो भाव विभोर |
पत्रकार की कलम देख डरे
भ्रष्ट ,कलंकी , गुंडे चोर ||
#हिन्दी पत्रकारिता दिवस
नीरज मिश्रा ” नीर ” बरही , कटनी , मध्य प्रदेश