पत्रकारिता की साख
ये सियासत एक बहुत बड़ी
मुसीबत होती देश की!
अगर रवीश नहीं होता तो
फजीहत होती देश की!
उसका हिडेन एजेंडा कभी
आ नहीं पाता सामने
कितनी ज्यादा खौफनाक
हकीकत होती देश की!
ये सियासत एक बहुत बड़ी
मुसीबत होती देश की!
अगर रवीश नहीं होता तो
फजीहत होती देश की!
उसका हिडेन एजेंडा कभी
आ नहीं पाता सामने
कितनी ज्यादा खौफनाक
हकीकत होती देश की!