पत्थर दिल हुआ है कोई…”एस के राठौर”
आज सालों बाद बेसबर हुआ है कोई,, नींदें हमारी चुराकर मुख्तसर हुआ है कोई,,, आँखों से अश्क़ रुकते नहीं अब,,, इस क़दर से पत्थर दिल हुआ है कोई ।। ……..”सुनील राठौर” मीरगंज बरेली
आज सालों बाद बेसबर हुआ है कोई,, नींदें हमारी चुराकर मुख्तसर हुआ है कोई,,, आँखों से अश्क़ रुकते नहीं अब,,, इस क़दर से पत्थर दिल हुआ है कोई ।। ……..”सुनील राठौर” मीरगंज बरेली