पत्थर का भाग्य।
पत्थर का भाग्य भी आश्चर्यजनक होता है,,,
एक हथौड़े की चोट खाकर खाक तो दूसरा ईश्वर रूप पा जाता है!!!
इंसान और पत्थर दोनों का जीवन एक सा होता है,,
किसी का भाग्य होता है किसी को भाग्य जीवन भर तोड़ता है!!!
छेनी हथौड़ी से मूर्तिकार एक को शीर्ष रूप ह्रदय का दे देता है,,,
उसी पत्थर का टूटा अंश दूसरा सड़को पर कहीं बिछ जाता है!!!
एक को मन्दिर में रखकर सामने फूल मालाएं एवं भोग लगाया जाता है,,,
दूसरा ना जाने कितनी ही सबके पद चाप की ठोकरे खाता है!!!
इक धीरे धीरे आस्तित्व विहीन होता जाता है,,,
दूसरा दिन प्रतिदिन ईश्वरीय रूप में व्याप्त होता जाता है!!!
ताज मोहम्मद
लखनऊ