पत्थरबाजों की सेना
“पत्थरबाजों की सेना तुम ,
कान खोलकर सुन लो आज !
काश्मीर तो है भारत का ,
बात मान लो ये तुम आज !
भारत के टुकड़ों पे पलके ,
उसको गाली देते हो ?
जो सैनिक हैं रक्षा करते ,
उनको अपमानित करते हो ?
आस्तीन के सांप हो तुम सब ,
जो पाक की भाषा बोलते हो !
आज मांगते काश्मीर हो ,
कल दिल्ली तक आओगे ?
धीरे धीरे तुम भारत को ,
पूरा पाकिस्तान बनाओगे ? ?
सपना देखना अच्छा है पर ,
वो भी तो औकात में देखो !
खुले हाथ जिस दिन सेना के ,
तुम खुद सिंधु के उस पार देखो !!
(पूजा सिंह )