Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
5 Dec 2023 · 1 min read

पता ही नहीं चलता यार

पता ही नहीं चलता यार
कि अकेले (तन्हाई) में मैंने खुद को पाया है
कि तन्हाई ने मुझको।
पर जो भी कहों – अब बहुत सूकून-सा लगता है –
उसका होकर या खुद का होकर ।
पता नहीं।
पर कुछ इस कदर लगता है कि –
अब भीड़ मुझे आकर्षक लगती है – पर दूर से।
एक कोने से!‌
मेले में अब मैं खोना चाहता हूं -‌पहले खोता था तो रोता था – बहुत – बहुत रोता था ।
पर अब खोने कि तमन्ना है – पर खोने का डर नहीं।
ये बढ़ते उम्र की वजह से है -या घटते दोस्तों की वजह से,
पता नहीं पर , पता चलने की उम्र है –
और ये सब इसी के साथ पता
चला है – मुझे।

405 Views

You may also like these posts

Who am I?
Who am I?
Otteri Selvakumar
आदि  अनंत  अनादि अगोचर निष्कल अंधकरी त्रिपुरारी।
आदि अनंत अनादि अगोचर निष्कल अंधकरी त्रिपुरारी।
संजीव शुक्ल 'सचिन'
सज जाऊं तेरे लबों पर
सज जाऊं तेरे लबों पर
Surinder blackpen
गुज़ारिश
गुज़ारिश
Sanjay Narayan
*एक लाइन है जरा सुनियेगा*
*एक लाइन है जरा सुनियेगा*
Vishal Prajapati
नींद ( 4 of 25)
नींद ( 4 of 25)
Kshma Urmila
Empty pocket
Empty pocket
Bidyadhar Mantry
यादें तुम्हारी... याद है हमें ..
यादें तुम्हारी... याद है हमें ..
पं अंजू पांडेय अश्रु
- वो मुझको फेसबुक पर ढूंढ रही होगी -
- वो मुझको फेसबुक पर ढूंढ रही होगी -
bharat gehlot
"ऐसी कोई रात नहीं"
Dr. Kishan tandon kranti
चेतना समय है
चेतना समय है
Harinarayan Tanha
एक कवि की कविता ही पूजा, यहाँ अपने देव को पाया
एक कवि की कविता ही पूजा, यहाँ अपने देव को पाया
Dr.Pratibha Prakash
जिंदगी की उड़ान
जिंदगी की उड़ान
Kanchan verma
निरुद्देश्य जीवन भी कोई जीवन होता है ।
निरुद्देश्य जीवन भी कोई जीवन होता है ।
ओनिका सेतिया 'अनु '
3045.*पूर्णिका*
3045.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
निकलो…
निकलो…
Rekha Drolia
हर लम्हे में
हर लम्हे में
Sangeeta Beniwal
*शत-शत नमन प्रोफेसर ओमराज*
*शत-शत नमन प्रोफेसर ओमराज*
Ravi Prakash
नारी
नारी
Pushpa Tiwari
कुदरत के रंग....एक सच
कुदरत के रंग....एक सच
Neeraj Agarwal
#जंबूद्वीपे शीश पे आसन
#जंबूद्वीपे शीश पे आसन
वेदप्रकाश लाम्बा लाम्बा जी
Dr Arun Kumar shastri
Dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
#मज़दूर
#मज़दूर
Dr. Priya Gupta
Life is too short
Life is too short
samar pratap singh
" ध्यान साधना "
Pushpraj Anant
मनोरमा
मनोरमा
सुरेश अजगल्ले 'इन्द्र '
मुश्किलें जरूर हैं, मगर ठहरा नहीं हूँ मैं ।
मुश्किलें जरूर हैं, मगर ठहरा नहीं हूँ मैं ।
पूर्वार्थ
*जिंदगी के  हाथो वफ़ा मजबूर हुई*
*जिंदगी के हाथो वफ़ा मजबूर हुई*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
परिवार तक उनकी उपेक्षा करता है
परिवार तक उनकी उपेक्षा करता है
gurudeenverma198
बेटियों का जीवन_एक समर– गीत
बेटियों का जीवन_एक समर– गीत
Abhishek Soni
Loading...