पता था न ये दिल लगाने से पहले
पता था न ये दिल लगाने से पहले
गले गम लगेंगे मिलाने से पहले
तुम्हें खो ही देंगे यूँ पाने से पहले
ये सोचा न था आजमाने से पहले
उन्होंने वफ़ा अपनी ऐसे निभाई
चले आये मिलने वो जाने से पहले
तड़प थी न गम थे न कोई नमी थी
निगाहों में उनको बसाने से पहले
था बोझ दिल पे हमारे बड़ा ही
ये आँसू की गंगा बहाने से पहले
न ये आग बदले की खुद में लगाओ
खुदी मर मिटोगे मिटाने से पहले
करेंगे हमें ‘अर्चना’ अपने रुसवा
न सोचा था महफ़िल सजाने से पहले
3-09-2019
डॉ अर्चना गुप्ता
मुरादाबाद