Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
14 Sep 2024 · 1 min read

पतझड़ सी उजड़ती हुई यादें भुलाई नहीं जाती है

पतझड़ सी उजड़ती हुई यादें भुलाई नहीं जाती है
तेरी जुदाई प्यासे सावन में भुलाई नहीं जाती है

©️ डॉ. शशांक शर्मा “रईस”

25 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
बेबसी जब थक जाती है ,
बेबसी जब थक जाती है ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
ସେହି ଭୟରେ
ସେହି ଭୟରେ
Otteri Selvakumar
मुश्किल है बहुत
मुश्किल है बहुत
Dr fauzia Naseem shad
सत्य पर चलना बड़ा कठिन है
सत्य पर चलना बड़ा कठिन है
Udaya Narayan Singh
भटक ना जाना मेरे दोस्त
भटक ना जाना मेरे दोस्त
Mangilal 713
मुर्दे भी मोहित हुए
मुर्दे भी मोहित हुए
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
गम और खुशी।
गम और खुशी।
Taj Mohammad
ज्ञानवान  दुर्जन  लगे, करो  न सङ्ग निवास।
ज्ञानवान दुर्जन लगे, करो न सङ्ग निवास।
संजीव शुक्ल 'सचिन'
महावीर उत्तरांचली आप सभी के प्रिय कवि
महावीर उत्तरांचली आप सभी के प्रिय कवि
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
नृत्य दिवस विशेष (दोहे)
नृत्य दिवस विशेष (दोहे)
Radha Iyer Rads/राधा अय्यर 'कस्तूरी'
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
मेरे जैसे तमाम
मेरे जैसे तमाम "fools" को "अप्रैल फूल" मुबारक।
*प्रणय प्रभात*
...........
...........
शेखर सिंह
नमन साथियों 🙏🌹
नमन साथियों 🙏🌹
Neelofar Khan
मैं फूलों पे लिखती हूँ,तारों पे लिखती हूँ
मैं फूलों पे लिखती हूँ,तारों पे लिखती हूँ
Shweta Soni
मैं कभी किसी के इश्क़ में गिरफ़्तार नहीं हो सकता
मैं कभी किसी के इश्क़ में गिरफ़्तार नहीं हो सकता
Manoj Mahato
2903.*पूर्णिका*
2903.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
फूल और कांटे
फूल और कांटे
अखिलेश 'अखिल'
बेवजह  का  रोना  क्या  अच्छा  है
बेवजह का रोना क्या अच्छा है
Sonam Puneet Dubey
हाथ छुडाकर क्यों गया तू,मेरी खता बता
हाथ छुडाकर क्यों गया तू,मेरी खता बता
डा गजैसिह कर्दम
चलो मौसम की बात करते हैं।
चलो मौसम की बात करते हैं।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
इस कदर भीगा हुआ हूँ
इस कदर भीगा हुआ हूँ
Dr. Rajeev Jain
करोगे रूह से जो काम दिल रुस्तम बना दोगे
करोगे रूह से जो काम दिल रुस्तम बना दोगे
आर.एस. 'प्रीतम'
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
जाने कहां गई वो बातें
जाने कहां गई वो बातें
Suryakant Dwivedi
Ghazal
Ghazal
shahab uddin shah kannauji
शिव शंभू भोला भंडारी !
शिव शंभू भोला भंडारी !
Bodhisatva kastooriya
*गैरों से तो संबंध जुड़ा, अपनों से पर टूट गया (हिंदी गजल)*
*गैरों से तो संबंध जुड़ा, अपनों से पर टूट गया (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
" राख "
Dr. Kishan tandon kranti
उसकी गलियों में आज मुस्कुराना भारी पड़ा।
उसकी गलियों में आज मुस्कुराना भारी पड़ा।
Phool gufran
Loading...