पतझड़ मे एक दर्द की
पतझड़ मे एक दर्द की
बहार सी आती है
आंखो मे बूंदो की
बौछार छा जाती है
रोम-रोम मे हवा की
सिहरन दौड़ जाती है
तब हृदय मे पवित्रता की
लहरें हिलोरें कर
सम्पूर्ण कलुसता को
बहा ले जाती है ।
पतझड़ मे एक दर्द की
बहार सी आती है
आंखो मे बूंदो की
बौछार छा जाती है
रोम-रोम मे हवा की
सिहरन दौड़ जाती है
तब हृदय मे पवित्रता की
लहरें हिलोरें कर
सम्पूर्ण कलुसता को
बहा ले जाती है ।