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6 Jul 2023 · 1 min read

*पतंग (बाल कविता)*

पतंग (बाल कविता)

नभ में एक पतंग उड़ाई
बादल तक जाकर लहराई
रंग-बिरंगी नभ में छाती
कभी काटती खुद कट जाती
गलत डोर से नहीं उड़ाना
वरना चोट लगेगी खाना

रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 99976 15451

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