*पतंग (बाल कविता)*
पतंग (बाल कविता)
नभ में एक पतंग उड़ाई
बादल तक जाकर लहराई
रंग-बिरंगी नभ में छाती
कभी काटती खुद कट जाती
गलत डोर से नहीं उड़ाना
वरना चोट लगेगी खाना
रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 99976 15451
पतंग (बाल कविता)
नभ में एक पतंग उड़ाई
बादल तक जाकर लहराई
रंग-बिरंगी नभ में छाती
कभी काटती खुद कट जाती
गलत डोर से नहीं उड़ाना
वरना चोट लगेगी खाना
रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 99976 15451