पढ़े साहित्य, रचें साहित्य
साहित्य समाज का दर्पण
साहित्यकारों का समर्पण।
साहित्य प्रेरणा
साहित्य प्रयास
रचनाकारों का आभास
नित्य सतत अभ्यास।
उजागर जिस तरह आदित्य
“सागर” उस तरह साहित्य
साहित्य की अनेक विधा
रहस्य लेखक की लेखनी में छिपा।
साहित्य क्रांति
मिटाता भ्रान्ति
पिरोकर शब्दों को साहित्यकार
साहित्य दे निराकार को आकार
काल ! आदि , भक्ति , रीति
आधुनिक , नव्योत्तर ।
पृथ्वीराज , चंदबरदाई , जायसी
कबीर , सूरदास और तुलसी
युगो -युगो का करते वर्णन
शुक्ल, प्रेमचंद का युग अद्यतन
पद्य – गद्य रूप साहित्य का
कहानी , काव्य सी अनेक विधा।
पढ़े साहित्य
रचें साहित्य
साहित्य जीवन का आधार
पाठको का आभार
रचे साहित्य ,पढ़े साहित्य
जुड़े साहित्य के साथ।।
✍संजय कुमार “सन्जू”