*पढ़ने का साधन बना , मोबाइल का दौर (कुंडलिया)*
पढ़ने का साधन बना , मोबाइल का दौर (कुंडलिया)
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पढ़ने का साधन बना , मोबाइल का दौर
पुस्तक की महिमा अलग ,गूगल की कुछ और
गूगल की कुछ और , नहीं जन इस बिन रहते
इससे पढ़ते रोज , गुरुजी इसको कहते
कहते रवि कविराय , मार्ग यह है बढ़ने का
मोबाइल है मित्र , यंत्र है यह पढ़ने का
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रचयिता : रवि बाजार , बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451