“पड़ाव”
“पड़ाव”
मृत्यु भी एक पड़ाव से लगते
जीवन के यह धारे हैं
अनन्त यात्रा के क्रम में
अन्धेरे कुछ उजियारे हैं
सुना है हमने
कभी मृत्यु से भी ठन जाती है
मंजिल ही
अक्सर पड़ाव बन जाती है।
“पड़ाव”
मृत्यु भी एक पड़ाव से लगते
जीवन के यह धारे हैं
अनन्त यात्रा के क्रम में
अन्धेरे कुछ उजियारे हैं
सुना है हमने
कभी मृत्यु से भी ठन जाती है
मंजिल ही
अक्सर पड़ाव बन जाती है।