पड़ते ही बाहर कदम, जकड़े जिसे जुकाम। पड़ते ही बाहर कदम, जकड़े जिसे जुकाम। कितने ही कर ले जतन, पाता नहीं मुकाम।। © सीमा अग्रवाल मुरादाबाद