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13 May 2019 · 1 min read

पगडंडी

दिनांक 13/5/19

कभी बेईमान
नहीं होतीं
ये पगडंडियाँ

राह पर
बेबाक पड़ी
रहती है
ये पगडंडियाँ

बड़ी बेशर्म होतीं हैं
ये पगडंडियां
अपनी राह
खुद बनातीं हैं
ये पगडंडियाँ

कुछ भी कहो
कभी धोखा
नहीं देतीं
ये पगडंडियाँ
बस मेरे गाँव की
शान हैं
ये पगडंडियाँ

स्वलिखित
लेखक संतोष श्रीवास्तव भोपाल

Language: Hindi
504 Views
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