Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
27 Aug 2021 · 1 min read

पंछियों का गगन

यह गगन तो है इन आजाद परिंदों का ,
यह जान है इन परिंदों की ,
यही इनका अभिमान है ।
जिंदा नहीं रह सकते यह बिना उड़ान भरे, क्योंकि उड़ना ही तो इनका स्वाभिमान है।

हम धन्यवाद करते हैं, राइट बंधुओं का क्योंकि हम मानते हैं उन्होंने हमें उड़ान दी।
पर हम यह भूल गए उनमें जहाज बनाने की तमन्ना एक परिंदे नहीं जगा दी।

इन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता कि यह पंछी किस देश से आता है ,
यह तो मस्त रहते हैं अपनी धुन में,
मानो इनका कोई बिछड़ा साथी बड़ी दूर से आया है।

न इन्हें कोई बॉर्डर है लगता ,
नहीं कोई सीमा है इनकी ।
जहां तक दिल करता है उड़ जाते हैं,
यही तो महा नियत है इनकी।

यह कभी नहीं कहता कितना आसमान है हमारा ,
यह तो बस जानते हैं कि आसमान ही है हम पंछियों का सहारा।

काश हम इंसान भी इन पंछियों की तरह होते ,कभी ना हम इस जमीन के टुकड़े के लिए लड़ते व रोते।

जिस प्रकार यह सभी पंछियों का आसमान अपना है ,
कोई लड़ाई नहीं, गैर नहीं ।
क्या हम मनुष्य नहीं रह सकते लड़े बगैर यही।

Language: Hindi
1 Like · 260 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
इसके सिवा क्या तुमसे कहे
इसके सिवा क्या तुमसे कहे
gurudeenverma198
समझौता
समझौता
Sangeeta Beniwal
मुश्किलों से तो बहुत डर लिए अब ये भी करें,,,,
मुश्किलों से तो बहुत डर लिए अब ये भी करें,,,,
Shweta Soni
बंद पंछी
बंद पंछी
लक्ष्मी सिंह
"रोटी और कविता"
Dr. Kishan tandon kranti
मज़दूर
मज़दूर
Neelam Sharma
ऐसे नहीं की दोस्ती,कुछ कायदा उसका भी था।
ऐसे नहीं की दोस्ती,कुछ कायदा उसका भी था।
Sunil Gupta
जीवन में कभी किसी को दोष मत दो क्योंकि हमारे जीवन में सभी की
जीवन में कभी किसी को दोष मत दो क्योंकि हमारे जीवन में सभी की
ललकार भारद्वाज
*मनः संवाद----*
*मनः संवाद----*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
ଆତ୍ମ ଦର୍ଶନ
ଆତ୍ମ ଦର୍ଶନ
Bidyadhar Mantry
एकतरफ़ा इश्क
एकतरफ़ा इश्क
Dipak Kumar "Girja"
अब्र ज़ुल्फ़ों के रुखसार  पे बिखर जाने दो।
अब्र ज़ुल्फ़ों के रुखसार पे बिखर जाने दो।
sushil sarna
तक़दीर साथ दे देती मगर, तदबीर ज़्यादा हो गया,
तक़दीर साथ दे देती मगर, तदबीर ज़्यादा हो गया,
Shreedhar
*उसकी फितरत ही दगा देने की थी।
*उसकी फितरत ही दगा देने की थी।
Ashwini sharma
"आपके पास यदि धार्मिक अंधविश्वास के विरुद्ध रचनाएँ या विचार
Dr MusafiR BaithA
अच्छे मित्र,अच्छे रिश्तेदार और
अच्छे मित्र,अच्छे रिश्तेदार और
Ranjeet kumar patre
दिखावटी मदद..!!
दिखावटी मदद..!!
Ravi Betulwala
दोहा
दोहा
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
जब तक हो तन में प्राण
जब तक हो तन में प्राण
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
मुझे इश्क़ है
मुझे इश्क़ है
हिमांशु Kulshrestha
क्या होता होगा
क्या होता होगा
Shambhavi Johri
मेरे जिंदगी के मालिक
मेरे जिंदगी के मालिक
Basant Bhagawan Roy
ज्यादातर युवक और युवतियों का अपने लक्ष्य से भटकने का कारण शा
ज्यादातर युवक और युवतियों का अपने लक्ष्य से भटकने का कारण शा
Rj Anand Prajapati
मायका
मायका
Dr. Pradeep Kumar Sharma
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Neelofar Khan
कृपया मेरी सहायता करो...
कृपया मेरी सहायता करो...
Srishty Bansal
2814. *पूर्णिका*
2814. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
यू तो नजरे बिछा दी है मैंने मुहब्बत की राह पर
यू तो नजरे बिछा दी है मैंने मुहब्बत की राह पर
shabina. Naaz
खाने पीने का ध्यान नहीं _ फिर भी कहते बीमार हुए।
खाने पीने का ध्यान नहीं _ फिर भी कहते बीमार हुए।
Rajesh vyas
inner voice!
inner voice!
कविता झा ‘गीत’
Loading...