पंच परमेश्वर,,
पंच परमेश्वर,,
ममता धरि धरि,भुमिधरा,पिता दुरिन आकाश।
वायु मंडल घुमंतु फिरै ,सुरज करय प्रकाश।।
छत्र छांया करें पिता , क्षितिज रहे निवास।
धरा भुधरा ममता भरि,रख वारि निज साथ।।
पंच तत्व मिली रक्षा करे,जपत रहे नीत नाम।
कर्म करें धरती पर,यह विजय का काम।।
स्वच्छ रहे वातावरण,नितन करें प्रयास।
पंच तत्व है परमेश्वर,यही जगत में सार।।
डा विजय कुमार कन्नौजे अमोदी वि खं आरंग जिला रायपुर छत्तीसगढ़