पंचायत
बाद विवादों को सुलझाने की
पंचायत प्राचीन व्यवस्था है
न्याय और समता पाने की
पंचायत जन आस्था है
निरपेक्ष भाव से पंचायत जब
निर्णय अपना देती है
पंचों के मुख से परमेश्वर की वाणी
नीर क्षीर कर देती हैं
विवादित मुद्दों पर आज भी
न्याय पीठ बन जाती है
३ या ५ न्यायधीश रहते हैं
निरपेक्ष भाव से बात सभी
अपनी अपनी रखते हैं
नहीं एक राय होते तो
बहुमत से फैसले देते हैं
सुरेश कुमार चतुर्वेदी