Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
10 Feb 2018 · 1 min read

न जाने ज़माने को क्या हो गया है

न जाने ज़माने को क्या हो गया है
यहाँ हर कोई दौड़ने में लगा है

मची होड़ है यूँ निकलने की आगे
कहीं कुछ न कुछ छूटता जा रहा है

कहीं छोड़ इंसानियत दी किसी ने
किसी ने शराफत को गिरवी रखा है

कि ईमान कोई लगा बेचने में
ये इंसान क्या था ये क्या अब हुआ है

किसी ने गिरा दी अदब की दिवारें
कहीं शर्म का फिर जनाज़ा उठा है

हैं बसने लगे मुर्दे मेरे शहर में
मैं ज़िन्दा हूँ ये बस वहम ही मिरा है

ज़रा मुड़ के भी देख पीछे दिवाने
था जाना कहाँ तू कहाँ खो गया है

बनाया था “मासूम” तुझको खुदा ने
तू पुतला क्यों शैतान सा हो गया है

मोनिका “मासूम”

358 Views

You may also like these posts

लथ -पथ है बदन तो क्या?
लथ -पथ है बदन तो क्या?
Ghanshyam Poddar
पुष्प
पुष्प
Dinesh Kumar Gangwar
हम और आप ऐसे यहां मिल रहें हैं,
हम और आप ऐसे यहां मिल रहें हैं,
Jyoti Roshni
Freedom
Freedom
Shyam Sundar Subramanian
विक्रमादित्य के 'नवरत्न'
विक्रमादित्य के 'नवरत्न'
Indu Singh
एक नज़र में
एक नज़र में
Dr fauzia Naseem shad
मेरे ताल्लुकात अब दुश्मनों से है खुशगवार
मेरे ताल्लुकात अब दुश्मनों से है खुशगवार
RAMESH SHARMA
यह अपना धर्म हम, कभी नहीं भूलें
यह अपना धर्म हम, कभी नहीं भूलें
gurudeenverma198
विषय _  इन्तजार दूरी का
विषय _ इन्तजार दूरी का
Rekha khichi
गणतंत्रता दिवस
गणतंत्रता दिवस
Surya Barman
लिबास और आदमी
लिबास और आदमी
पूर्वार्थ
दीवार में दरार
दीवार में दरार
VINOD CHAUHAN
ब्रज के एक सशक्त हस्ताक्षर लोककवि रामचरन गुप्त +प्रोफेसर अशोक द्विवेदी
ब्रज के एक सशक्त हस्ताक्षर लोककवि रामचरन गुप्त +प्रोफेसर अशोक द्विवेदी
कवि रमेशराज
इस धरा का इस धरा पर सब धरा का धरा रह जाएगा,
इस धरा का इस धरा पर सब धरा का धरा रह जाएगा,
Lokesh Sharma
Love Is The Reason Behind
Love Is The Reason Behind
Manisha Manjari
*धार्मिक परीक्षा कोर्स*
*धार्मिक परीक्षा कोर्स*
Mukesh Kumar Rishi Verma
*सत्पथ पर चलना सिखलाते, अग्रसेन भगवान (गीत)*
*सत्पथ पर चलना सिखलाते, अग्रसेन भगवान (गीत)*
Ravi Prakash
मंथन
मंथन
सोनू हंस
*****खुद का परिचय *****
*****खुद का परिचय *****
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
भरोसा सब पर कीजिए
भरोसा सब पर कीजिए
Ranjeet kumar patre
सुख- दुःख
सुख- दुःख
Dr. Upasana Pandey
जे जनमल बा मरि जाई
जे जनमल बा मरि जाई
अवध किशोर 'अवधू'
Tum meri kalam ka lekh nahi ,
Tum meri kalam ka lekh nahi ,
Sakshi Tripathi
दो जूते।
दो जूते।
Kumar Kalhans
सलीका शब्दों में नहीं
सलीका शब्दों में नहीं
उमेश बैरवा
कौन नहीं बदला _
कौन नहीं बदला _
Rajesh vyas
"अन्तर"
Dr. Kishan tandon kranti
शीर्षक:गुरु हमारे शुभचिंतक
शीर्षक:गुरु हमारे शुभचिंतक
Harminder Kaur
■ #NETA को नहीं तो #NOTA को सही। अपना #VOTE ज़रूर दें।।
■ #NETA को नहीं तो #NOTA को सही। अपना #VOTE ज़रूर दें।।
*प्रणय*
** मुक्तक **
** मुक्तक **
surenderpal vaidya
Loading...