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21 Oct 2020 · 1 min read

नज़रों में उसकी प्यार है तो प्यार प्यार है

नज़रों में उसकी प्यार है तो प्यार प्यार है
वर्ना तो ज़िन्दगी में ग़मों की क़तार है

मौसम के ख़ूब आज फिर से ये बदले मिजाज़ हैं
शायद वो आ रहे हैं तो ठन्डी बयार है

आपस में मिल रहे हो अगर प्यार से मिलो
क्या फ़ायदा अगरचे दिलों में दरार है

किस काम के ये लोग जहाँ में जो रह रहे
पेड़ों से प्यार है न बशर से ही प्यार है

उस बेवफ़ा पे कौन करेगा यकीन अब
मीठी ज़ुबान जिसकी है दिल दाग़दार है

अपनी ही दाल को जो गलाने में है लगा
उसको ग़रीब से न तवंगर से प्यार है

ये जात पात धर्म की दीवार जो खड़ी
अब तोड़नी है मिल के जो ऊँची दिवार है

ये दौर है मशीन का दुनिया में फिर भी क्यूँ
बीमारियों का भूख का इन्सां शिकार है

अपना मिजाज़ उसने न बदला है आज तक
‘आनन्द’ उसको आज भी पत्थर से प्यार है

– डॉ आनन्द किशोर

1 Like · 360 Views
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