” न्यारा पूनिया परिवार “
” न्यारा पूनिया परिवार ”
प्रतिदिन की रहती है एकसी दिनचर्या
कार्य को जल्दी खत्म कर मस्ती करना
हाथ बंटाना एक दूसरे का सहारा बनना
अपनेपन और शालीनता की भरमार है,
प्यार संग रहना बड़ों का सम्मान करना
जान बुझ कर किसी का बुरा नहीं करना
दुष्ट प्राणी को समय पर सबक सिखाना
अनुशासन इनके जीवन का आधार है,
मस्ती सुझती तब सब कुछ भूल जाते
समय मिलते ही बाहर घूमने चले जाते
मस्त रहते हैं बस अपनी ही दुनिया में
राज बोले मीनू तूं बच्चों की सरदार है,
चलते हैं हमेशा ईमानदारी के पथ पर
धन के लिए हाय तौबा ना रे बाबा ना
जितना मिला उसी में संतुष्ट रहते हैं
सबसे बड़ी दौलत खुशियां बेशुमार हैं,
कौन क्या सोच रहा करते नहीं परवाह
देशी खाना देशी रहना घूमना व फिरना
मीनू राज प्यारी रानू और नटखट रोमी
प्रेम से रहता यह न्यारा पूनिया परिवार है।