नैतिकता
है
कहाँ
समझ
आधुनिक
संसार अब
भूल गए हम
नैतिकता का पाठ।
ये
नग्न
फैशन
वेशभूषा
मर्यादा हीन
बोलचाल आज
बड़प्पन के ठाठ।
लो
जान
संस्कृति
मझधार
पुकार रही
करने उद्धार
नैतिकता बेहाल।
यूं
पाठ
लिखते
नैतिकता
विचार मान
अपनाने सब
करें हीलाहवाल।
(राजेश कुमार कौरव सुमित्र)