नेह से उर भरल अलहदा हो गइल…!!
व़ज्न:- २१२ २१२ २१२ २१२
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प्यार मे दिल दुखावल अदा हो गइल।
नेह से उर भरल अलहदा हो गइल।
आज नश्तर चुभावे जे आपन रहे,
गैर के डर ज़िगर से बिदा हो गइल।
इश्क में इश्क के बा कहर बढ़ रहल,
ऐ ख़ुदा नेह उर से जुदा हो गइल।
दर्द हद से बढ़ल देख संसार के,
का कहीं प्रेम अब शोहदा हो गइल।
ज़ख्म हियरे में बाटे सचिन के रही,
इश्क़ से दूर अब ऊ ख़ुदा हो गइल।
पं.संजीव शुक्ल ‘सचिन’