नेता भाई
नेता भाई।
ले मिठाई ।।
वोट माँगने गाँव चले।
सर पे गाँधी टोपी लगाकर।
भटक रहे थे दर-दर जाकर।।
गिरते- बजड़ते संभल-संभलकर ।
घर-घर पहुँचते हाथ जोड़कर।।
कहीं लोग थे हामी भरते।
और कुछ एक उनको कोसते ।।
नेता भाई आए थे करके पूरी तैयारी इस बार।
पर वोटर तो हैं वोटर होते इनका न कोई पारावार।।
नेता भाई भी हमारे थे पक्के वाले असलियत में नेता।
सीख रखा था हर एक तिकड़म जिससे कुछ भला होता ।।