नेता जनप्रतिनिधि बने हैं अभिनेता
नेता जनप्रतिनिधि बने हैं अभिनेता
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नेता जनप्रतिनिधि बने हैं अभिनेता
जनता को ही सदैव ठगते रहते नेता
जनता द्वारा ही जन प्रतिनिधि जाते
धनप्रतिनिधि बन धनार्जन करें नेता
चुनाव से पूर्व बेखूबी से उठाते मुद्दे
सरकार बनते ही मुद्दे जब्त करें नेता
दिखतें हैं सभ्य,होते हैं बहुत असभ्य
सभ्यता की झूठी बातें करते हैं नेता
व्यर्थ के दंगे फ़सादों में उलझा कर
राजनीतिक रोटियाँ सेंकते हैं नेता
खुद ही जुल्म की चिंगारी सुलगाकर
जनार्दन में पैरवी करते रहतें हैं नेता
जनता द्वारा जनता हेतु जनता के
लोकतंत्र की धज्जियां उड़ाते नेता
मन के अंदर पनपते काले दागों को
श्वेतवस्त्र की आड़ में छिपाते हैं नेता
जितने ज्यादा होते हैं दिल के काले
सूरत से पाक साफ ढ़ोंग करते नेता
पीढ़ियों तक का जोड़ लेते खजाना
देश,धन, संपदा को लूटते रहते नेता
मूल स्तर के ज्वलंत मूद्दे हैं यूँ के यू
हर मेनिफेस्टो में पढ़ते रहते हैं नेता
जिन्दा लाशों के ढेरों पर करते राज
जन मजबूरियों पर हंसते रहते नेता
मनसीरत कब जागेगी सोई आत्मा
जनप्रतिनिधि का भाव समझेंगें नेता
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सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)